परिचय: हिंदी कविता
Hindi Kavita हिंदी कविता भारतीय साहित्य का एक अभिन्न अंग है, जो न केवल भाषा की सुंदरता को उजागर करती है, बल्कि समाज, संस्कृति और मानव भावनाओं का भी प्रगाढ़ चित्रण करती है। यह मात्र शब्दों का संयोजन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा है जो पाठक को विचारों की गहराइयों तक ले जाती है। हिंदी कविता ने समय के साथ कई रूपों में परिवर्तन देखा है — भक्ति, शृंगार, वीर रस, और समाजिक चेतना — सभी ने इसमें अपनी छाप छोड़ी है।
हिंदी कविता
1. भक्ति कविता
1. श्रीराम पर भक्ति कविता

राम नाम का दीप जला लो, जीवन में उजियारा होगा,
हर संकट खुद दूर हटेगा, जब उसका सहारा होगा।
मर्यादा के पथ पर चलो, यही प्रभु का प्यारा होगा,
राम भरोसे जो जीता है, वो सदा ही न्यारा होगा।
2. श्रीकृष्ण पर भक्ति कविता
मुरली की मधुर तान में, सारा जग खो जाता है,
श्याम रंग में रंग जो जाए, वो सब कुछ पा जाता है।
राधा जैसी प्रीत रचाओ, मन मंदिर महकाओ,
हर दिल में बसते कान्हा को, सच्चे भाव से बुलाओ।
3. शिव भक्ति कविता
भोलेनाथ की कृपा से, सब दुख दूर हो जाते हैं,
जिनके मन में शिव बसते हैं, वो कभी न घबराते हैं।
त्रिशूल धार जो महाकाल हैं, वो संहारक ज्ञानी हैं,
उनकी भक्ति में जो डूबा, वो सबसे वीर महानि है।
4. माता रानी पर भक्ति कविता
माँ के चरणों में है शांति, माँ के दर्शन है कल्याण,
माँ की ममता से बड़ा नहीं, कोई भी जग में वरदान।
नवरात्रों में जो साधे भक्ति, माँ उसका भार हरती है,
जय माता दी का नाम जपें, माँ सब पर कृपा करती है।
5. संत कबीर की शैली में भक्ति कविता
मन मंदिर में झाँक के देखो, वहीं राम बसते हैं,
बाहर खोज न पाओगे तुम, वो तो भावों में हँसते हैं।
ना मूर्ति, ना पूजा पाती, केवल नाम का सहारा,
सच्चे प्रेम से जपो राम को, वही मोक्ष का है द्वारा।
2. शृंगारिक कविता
1. शृंगारिक कविता – प्रेम की पहली झलक

तेरी मुस्कान में कुछ ऐसा जादू सा असर है,
हर दर्द भूल जाऊँ, जब तू मेरे पास होता है।
तेरे लफ्ज़ों की मिठास दिल को छू जाती है,
तेरी आँखों में झलकता एक खामोश सा प्यार है।
2. शृंगारिक कविता – चाँदनी रात का प्यार
चाँदनी रात में जब तू साथ होता है,
हर लम्हा जैसे कोई ख़ास होता है।
तेरे पास आकर रुक जाता है वक़्त भी,
तेरे बिना तो दिल बहुत उदास होता है।
3. शृंगारिक कविता – मिलन की मधुरता
तेरा स्पर्श पाकर बहारें भी शरमा जाती हैं,
फूलों में तेरी खुशबू समा जाती है।
मिलन की वो हर घड़ी अमर बन जाए,
तेरी बाहों में ये ज़िंदगी थम जाए।
4. शृंगारिक कविता – प्रेम की नज़ाकत
तेरी आँखों में जो कशिश है, वो किसी को नसीब नहीं,
तेरे होंठों की मुस्कान में, जैसे कोई गीत छिपा हो कहीं।
तेरा साथ मिल जाए अगर, तो हर मौसम बहार लगे,
तेरी बातों की मिठास से, दिल हर पल निखार लगे।
5. शृंगारिक कविता – मिलन की चाह
तेरे बिना अधूरी सी लगती है ये साँझ की चाँदनी,
तेरी यादों में डूबी रहती है हर एक रात सुहानी।
तू मिल जाए तो बहारें हों, रंगों से भर जाए जीवन,
तेरे बिना हर ख़ुशी लगे, जैसे बिन साज कोई रागिनी।
3. वीर रस कविता
1. वीर रस कविता – रणभूमि का शेर

रणभूमि में जो डट जाए, वो भारत का वीर कहलाए,
धार लिए जो तलवारों की, दुश्मन को पल में धूल चटाए।
ना डर, ना हार, ना झुकने की वो बात करता है,
माँ की रक्षा हेतु सपूत प्राणों का भी त्याग करता है।
2. वीर रस कविता – देशभक्त सिपाही
सीमा पर खड़ा सिपाही, मौत से करता है खेल,
दिल में हो तिरंगे की आग, तो दुश्मन भी कांपे नख-नख जेल।
हर गोली के बदले में, वो सौ ज़ख्म झेलता है,
मगर देश पर आंच न आए, यही प्रण लेता है।
3. वीर रस कविता – बलिदान अमर रहे
वीरों की गाथा अमर रहे, बलिदानों की हो जय-जयकार,
जिन्होंने प्राण लुटा दिए, बना दिया भारत महान अपार।
शौर्य और साहस से जिनका, इतिहास सजा संसार,
उनको नमन है शत-शत बार, वीरों को है यह प्यार।
4. वीर रस कविता – देश के जवान
सीना ताने खड़ा है जो, सीमा पर प्रहरी बनकर,
शत्रु को दे चुनौती वो, गरज उठे नभ घनकर।
माँ की रक्षा को जो डटे, प्राणों की परवाह न करे,
ऐसा वीर भारत का बेटा, हर युग में पूज्य बने।
5. वीर रस कविता – शौर्य का संकल्प
तलवार नहीं डरती आंधी से, ना ही तूफानों से,
लड़ते हैं वीर दुश्मन से, जलते अंगारों से।
मर मिटते हैं मातृभूमि पर, पर झुकते नहीं कभी,
इनके जोश और बलिदान से, काँपे सिंहासन सभी।
4. सामाजिक कविता
1. सामाजिक कविता – शिक्षा का दीप

जिस घर में ना हो शिक्षा का दीप, वो अंधकार में खो जाता है,
ज्ञान से ही खुलती हैं राहें, मनुष्य आगे बढ़ पाता है।
हर बच्चे को दो अवसर पढ़ने का, यही समाज की जिम्मेदारी,
तभी बनेगा भारत महान, जब होगी सबको शिक्षा हमारी।
2. सामाजिक कविता – नारी का सम्मान
नारी को अब कमजोर न समझो, वो शक्ति का अवतार है,
हर क्षेत्र में चल रही आगे, उसका भी तो अधिकार है।
सम्मान दो, समानता दो, यही तो असली संस्कृति है,
जिस घर में नारी पूजी जाए, वहीं लक्ष्मी वास करती है।
3. सामाजिक कविता – जात-पात का बंधन
जात-पात के नाम पर अब, मत बाँटो ये इंसानियत,
एक ही मिट्टी के सब पुतले, सबमें एक समानियत।
जो दिल से बड़ा हो इंसान, वही सच्चा होता है,
भेदभाव को छोड़ो अब तुम, यही समय की पुकार है।
4. सामाजिक कविता – असमानता की आवाज़
गरीब की झोपड़ी में भी, सपनों का आसमान है,
पर दुनिया देखे बस वही, जिसके पास धन-मान है।
भूख, शिक्षा, और इज्ज़त की जब बराबरी होगी,
तभी कहेंगे सच में, अब आज़ादी पूरी होगी।
5. सामाजिक कविता – बदलाव की पुकार
नारी को ना समझो निर्बल, उसमें शक्ति अपार है,
हर क्षेत्र में बढ़ती नारी, अब जागा संसार है।
जाति-धर्म के नाम पर जो, दीवारें अब भी बनती हैं,
उन्हें गिराकर ही बनेगा, समाज जहाँ मानवता चलती है।
5. बाल कविता
1. बाल कविता – सुबह की शुरुआत

सूरज आया पूरब से, ले आया नई किरण,
चिड़ियाँ बोली चहचहाकर, जागो अब हे बच्चन।
नया दिन है, नया सवेरा, कुछ नया कर दिखलाना,
सपनों को सच्चा करने का, अब है समय जगमगाना।
2. बाल कविता – पेड़ का संदेश
पेड़ लगाओ, छांव पाओ, फल-फूलों का साथ मिले,
हरियाली से भर दो धरती, जीवन को राहत मिले।
पक्षी गाएँ गीत खुशी के, ताज़ी हवा बहाए,
आओ सब मिल पेड़ लगाएँ, धरती को मुस्काए।
3. बाल कविता – चंदा मामा
चंदा मामा गोल-मटोल, चमके जैसे चांदी का बोल,
रात को आते धीरे-धीरे, सपनों में भर देते रंग ढोल।
बच्चों के संग खेलें मस्ती, आसमान से करें वो किलकारी,
नींद की दुनिया में ले जाते, कहानियों की प्यारी सवारी।
4. बाल कविता – विद्यालय का प्यार
पढ़ना-लिखना सीखें हम, बनें अच्छे इंसान,
गुरुजी देते ज्ञान का दीप, मिटे अज्ञान का घनघोर ध्वान।
साथी बनते सब ही प्यारे, खेलें, हँसें मिल-जुलकर,
विद्यालय से सजता जीवन, जैसे फूल बगिया में खिलकर।
5. बाल कविता – नैतिक शिक्षा
सच बोलो, झूठ से डरना, यही है जीवन की सीख,
बड़ों का करना आदर सदा, न करो किसी की रेख।
मिल-जुलकर रहना सबके संग, बाँटो प्रेम का हार,
सद्गुणों से सजता बच्चा, बनता सबसे नेक़ विचार।
निष्कर्ष
हिंदी कविता Hindi Kavita केवल साहित्य का हिस्सा नहीं है, यह हमारी संस्कृति, संवेदना और समाज का दर्पण है। यह भाषा के सौंदर्य को भावनाओं की अभिव्यक्ति के साथ जोड़ती है और हर वर्ग के व्यक्ति को जोड़ती है — चाहे वह भक्त हो, प्रेमी, योद्धा या साधारण जन।
आज की पीढ़ी के लिए ज़रूरी है कि वे हिंदी कविता की समृद्ध परंपरा को समझें, पढ़ें, और आगे बढ़ाएं। क्योंकि कविता सिर्फ शब्दों का मेल नहीं, यह दिलों का संवाद है।