Introduction – भूमिका: देशभक्ति का भाव
Desh Bhakti Kavita एक ऐसा पवित्र भाव है जो हर नागरिक के हृदय में जन्म लेता है जब वह अपने देश की मिट्टी, संस्कृति, इतिहास और वीरता को याद करता है। भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में, देशभक्ति कविताएं हमेशा से ही लोगों के दिलों को छूती रही हैं। ये कविताएं हमें न केवल अपने अतीत की वीरगाथाओं की याद दिलाती हैं, बल्कि आज के युवाओं को भी प्रेरित करती हैं कि वे अपने देश के लिए कुछ करें।
Popular Desh Bhakti Kavita – लोकप्रिय देशभक्ति कविताएं

1. सरफ़रोशी की तमन्ना
लेखक – बिस्मिल अज़ीमाबादी
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।
वक्त आने दो बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है।

2. पुष्प की अभिलाषा
लेखक – माखनलाल चतुर्वेदी
मुझे तोड़ लेना बनमाली! उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पर जाएं वीर अनेक।
चाह नहीं मैं सुर्बाला के गहनों में गूंथा जाऊं,
चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊं।
3. झांसी की रानी

लेखिका – सुभद्राकुमारी चौहान
ख़ूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी,
ब्रिटिश सेना हक्का-बक्का, एक नारी पर भारी थी।
सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटि तानी थी,
भारत माता की वीरांगना ने सबको नई कहानी दी।
4. वंदे मातरम् की पुकार

लेखक – अज्ञात
जो मिट गए वतन पर, उन्हें सलाम करता हूँ,
इन बहादुर शहीदों को, प्रणाम करता हूँ।
वंदे मातरम् की आवाज़ जो बन गए,
ऐसे वीरों को दिल से प्रणाम करता हूँ।
5. मेरा भारत महान
लेखक – अज्ञात
भारत देश महान हमारा,
सबसे प्यारा सबसे न्यारा।
वीरों की यह भूमि महान,
जहाँ बहती गंगा का ज्ञान।
राष्ट्रप्रेम से भरा है हर इंसान,
जय हो भारत! जय हो हिन्दुस्तान!
6. राष्ट्र के नाम समर्पण
लेखक – अज्ञात
तिरंगे की शान में, सब कुछ न्योछावर कर दूं,
भारत माँ की सेवा में, जीवन का हर पल भर दूं।
नफरत नहीं, मोहब्बत का पैग़ाम फैलाऊं,
देश की एकता के लिए हर आंधी सह जाऊं।
7. भारत माँ की गोद
लेखक – अज्ञात
जब थक जाता हूँ दुनिया की दौड़ में,
तेरी गोद में सुकून मिलता है माँ।
भारत माँ तू सिर्फ़ धरती नहीं,
जीवन का विश्वास है तू, सम्मान है तू।
8. जय जवान जय किसान

लेखक – अज्ञात
सीमा पर जवान जाग रहा, खेतों में किसान,
इन दोनों की मेहनत से चलता है हिंदुस्तान।
शक्ति और अन्न का ये संगम,
भारत का है ये गर्वमय संग्राम।
9. स्वतंत्रता की मशाल
लेखक – अज्ञात
जल रही है जो मशाल आज़ादी की,
उसमें खून है शहीदों का।
हमने पाया है यह वतन,
कभी न भूलो यह कर्ज़ वतन का।
10. मेरा भारत अमर रहे

लेखक – अज्ञात
चमकता रहे तिरंगा, जैसे सूरज की किरण,
हर कोना गाए भारत माँ का मधुर भजन।
सदियों तक अमर रहे यह भूमि महान,
हर दिल में बसता रहे मेरा हिंदुस्तान।
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Final Thought – अंतिम विचार
देशभक्ति कविता केवल एक काव्य शैली नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतना की अभिव्यक्ति है। यह हर उस व्यक्ति की आवाज़ है जो अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखता है। कवियों ने अपनी कलम से इतिहास रचा है और आज भी रचते जा रहे हैं।
हमें न केवल इन्हें पढ़ना चाहिए बल्कि अगली पीढ़ी को भी यह सिखाना चाहिए कि देश सबसे पहले आता है, और उसका गौरव बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।